
हिंदू धर्म के 11 देवता जिनकी पूजा नहीं होती
हिंदू धर्म में हजारों देवी-देवताओं की पूजा की जाती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ ऐसे भी देवता हैं जिनकी पूजा नहीं की जाती? धार्मिक ग्रंथों में इनका उल्लेख तो है, लेकिन फिर भी ये मुख्य पूजा-पद्धति का हिस्सा नहीं बने। इस लेख में हम ऐसे 11 हिंदू देवताओं के बारे में जानेंगे जिनकी पूजा आमतौर पर नहीं की जाती।
1. ब्रह्मा जी
भगवान ब्रह्मा को सृष्टि का रचयिता माना जाता है, लेकिन उनकी पूजा न के बराबर होती है। इसके पीछे कई कथाएँ हैं, जिनमें शिव जी का शाप और ब्रह्मा जी द्वारा सत्य की अनदेखी करने की घटनाएँ प्रमुख हैं।
2. शनि देव की पत्नी
शनि देव की पत्नी का उल्लेख ग्रंथों में आता है, लेकिन उनकी पूजा नहीं होती। ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने शनि देव को क्रोधित होकर शाप दिया था, जिससे उनकी पूजा नहीं की जाती।
3. यमराज
मृत्यु के देवता यमराज का नाम सुनते ही लोगों के मन में भय उत्पन्न हो जाता है। हालांकि, उनकी पूजा विशेष रूप से नहीं की जाती, बल्कि यम द्वितीया और नरक चतुर्दशी पर उनका स्मरण किया जाता है।
4. काली नाग (कालिया नाग)
कालिया नाग भगवान कृष्ण द्वारा यमुना नदी में पराजित किए गए थे। वे एक शक्तिशाली नाग थे, लेकिन उनकी पूजा किसी भी मंदिर में नहीं की जाती।
5. रावण
रावण को एक विद्वान ब्राह्मण और शिव भक्त माना जाता था, लेकिन उसके अहंकार और बुरे कर्मों के कारण उसे राक्षस राजा के रूप में देखा जाता है, इसलिए उसकी पूजा नहीं की जाती।
6. कंस
कृष्ण के मामा कंस को बहुत बलशाली और कूटनीतिज्ञ माना जाता था, लेकिन उनकी क्रूरता के कारण वे पूजनीय नहीं बने।
7. हिडिंबा
राक्षसी हिडिंबा का उल्लेख महाभारत में आता है, लेकिन उनकी पूजा विशेष रूप से नहीं की जाती। हालांकि, हिमाचल प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में स्थानीय रूप से हिडिंबा माता की पूजा की जाती है।
8. दुर्योधन
महाभारत के प्रमुख खलनायक दुर्योधन एक शक्तिशाली योद्धा था, लेकिन उसके अधर्मी कार्यों के कारण उसकी पूजा नहीं की जाती।
9. शूर्पणखा
रावण की बहन शूर्पणखा को रामायण में एक नकारात्मक चरित्र के रूप में दर्शाया गया है, इसलिए उसकी भी पूजा नहीं होती।
10. मंथरा
रामायण की प्रमुख पात्र मंथरा ने कैकेयी को राम के वनवास के लिए उकसाया था। वह एक चालाक स्त्री मानी जाती है, इसलिए उसकी पूजा नहीं की जाती।
11. जय और विजय
भगवान विष्णु के द्वारपाल जय और विजय को शापवश असुर योनि में जन्म लेना पड़ा। वे राक्षस हिरण्याक्ष, हिरण्यकशिपु, रावण, कंस आदि के रूप में जन्मे, इसलिए इनकी पूजा नहीं की जाती।
निष्कर्ष
हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा की परंपरा बहुत प्राचीन और समृद्ध है, लेकिन कई ऐसे देवता भी हैं जो अपने कर्मों, शाप या कथाओं के कारण पूजा का हिस्सा नहीं बने। यह हमें यह समझने में मदद करता है कि धर्म केवल अंधविश्वास नहीं, बल्कि कर्म और आचरण पर आधारित होता है।